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लेखनी प्रतियोगिता -11-Dec-2022 - इच्छा - मन की कसक

सुंदर सी इक लड़की के मन में एक इच्छा पली थी,

इस दुनिया में कोई तो हो ऐसा जिसके साथ कर सकती वो ठिठोली थी।

घर की जिम्मेदारियों ने उसे बचपन जीने से पहले ही वयस्क बना दिया,
गुड्डा गुड्डी से खेलने के समय में उसके हाथों में एक बच्चा थमा दिया।

छोटी सी आंखों में छोटी हसरतें थीं,
लेकिन वक्त की दरिंदगी ने वो सब तोड़ दीं।

अपने मां बाप की चिता में ही अपनी इच्छाओं का दहन कर दिया,
भाई को पालना ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया।

बिन मां बाप के जीवन ने उसे सड़कों पर कूड़ा बीनना सिखा दिया,
अपने छोटे भाई को पालने के लिए उसे ही उसकी मां बना दिया।

ऐसी भी क्या खता हो गई रसम जो भगवान इतना मजबूर हो गया,
एक बच्ची की इच्छाओं का सपना चकनाचूर हो गया।।


            *****Samridhi Gupta 'रसम'*****


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6 Comments

लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Punam verma

12-Dec-2022 08:52 AM

Very nice

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Abhinav ji

12-Dec-2022 07:51 AM

Very nice👍👍

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